मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
संकट मोचन संकट हारी,
सारी दुनिया बोले है,
बड़ा बड़ा राजा महाराजा,
आके दर पर डोले है,
राम राम से रीझे है यो,
राम राम बस गा ले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
तुरता फुर्ती काम पटावे,
भगत की पीड़ा काटे है,
शरण पड़या ने बालाजी,
कदे भी नहीं नाटे है,
जद बजरंगबली है सागे,
फिर क्यों चिंता पाले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
लाल लंगोटो हाथ में सोटो,
सेठ मोटो मोटो है,
भरया रवे भंडार ऐके,
कदे ना होवे टोटो है,
‘श्याम’ कहे है सांची महिमा,
बालाजी की गा ले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥
आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा (Asha Dashami Pauranik Vrat Katha)
गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता - भजन (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)
सखी री दो कुंवर सुंदर, मनोहर आज आये है: भजन (Sakhi Ri Do Kunwar Sundar Manohar Aaj Aaye Hain)
मंगलवार शनिवार,
बालाजी ने ध्याले तू,
थोड़ो सो सिंदूर चढ़ाकर,
मन का चाया पाले तू ॥