अवध में छाई खुशी की बेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
लगा है, अवध पुरी में मेला ।
चौदह साल वन में बिताएं,
राम लखन सिया लौट के आए,
घर घर खुशियां छाई,
लगा है, अवध पुरी में मेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
लगा है, अवध पुरी में मेला ।
कौशल्या माँ सुमित्रा कैकई,
सबके मन में आज खुशी भई,
कोई नहीं है अकेला,
लगा है, अवध पुरी में मेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
लगा है, अवध पुरी में मेला ।
सिया राम को राज हुआ है,
खुशी से पागल हो रहे सब जन,
गुरु वशिष्ठ और चेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
लगा है, अवध पुरी में मेला ।
BhaktiBharat Lyrics
यशोदा जायो ललना मैं वेदन में सुन आई: भजन (Yashoda Jaayo Lalna Mai Vedan Me Sun Aayi)
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए - भजन (Kishori Kuch Aisa Intazam Ho Jaye)
दरश को आ रही हूं माँ, मेरी अरदास सुन लेना: भजन (Darash Ko Aa Rahi Hun Maa Meri Ardas Sun Lena)
अवध में छाई खुशी की बेला,
अवध में छाई खुशी की बेला,
लगा है, अवध पुरी में मेला ।