अनमोल तेरा जीवन, यूँ ही गँवा रहा है: भजन (Anmol Tera Jeevan Yuhi Ganwa Raha Hai)

jambh bhakti logo

अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है,
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥

सपनो की नींद में ही,
यह रात ढल न जाये,
पल भर का क्या भरोसा,
कही जान निकल ना जाये,
गिनती की है ये साँसे,
यूँ ही लुटा रहा है ।

किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥

जायेगा जब यहाँ से,
कोई ना साथ देगा,
इस हाथ जो दिया है,
उस हाथ जा के लेगा,
कर्मो की है ये खेती,
फल आज पा रहा है ।

किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥

ममता के बन्धनों ने,
क्यों आज तुझको घेरा,
सुख में सभी है साथी,
कोई नहीं है तेरा,
तेरा ही मोह तुझको,
कब से रुला रहा है ।

किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥

तुलसी चालीसा (Tulasi Chalisa)

अहोई माता आरती (Ahoi Mata Aarti)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)

जब तक है भेद मन में,
भगवान से जुदा है,
खोलो जो दिल का दर्पण,
इस घर में ही खुदा है,
सुख रूप हो के भी तू,
दुःख आज पा रहा है ।

किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥

अनमोल तेरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है,
किस ओर तेरी मंजिल,
किस ओर जा रहा है,
अनमोल तेंरा जीवन,
यूँ ही गँवा रहा है ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment