आरती: माँ महाकाली (Aarti: Maa Maha Kali)
जय काली माता, माँ जय महा काली माँ।
रतबीजा वध कारिणी माता।
सुरनर मुनि ध्याता, माँ जय महा काली माँ॥
दक्ष यज्ञ विदवंस करनी माँ शुभ निशूंभ हरलि।
मधु और कैितभा नासिनी माता।
महेशासुर मारदिनी, ओ माता जय महा काली माँ॥
हे हीमा गिरिकी नंदिनी प्रकृति रचा इत्ठि।
काल विनासिनी काली माता।
सुरंजना सूख दात्री हे माता॥
अननधम वस्तराँ दायनी माता आदि शक्ति अंबे।
कनकाना कना निवासिनी माता।
भगवती जगदंबे, ओ माता जय महा काली माँ॥
दक्षिणा काली आध्या काली, काली नामा रूपा।
तीनो लोक विचारिती माता धर्मा मोक्ष रूपा॥
॥ जय महा काली माँ ॥
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना! (Kaise Jiun Main Radha Rani Tere Bina)
श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान की बाल लीला भाग 2
जल जाये जिह्वा पापिनी, राम के बिना: भजन (Jal Jaaye Jihwa Papini, Ram Ke Bina)
Read More: श्री भगवत भगवान की है आरती! (Shri Bhagwat Bhagwan Ki Aarti)