ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
तीनों लोकन हूँ में नाय
तीनों लोकन हूँ में नाय
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
तीन ठौर ते टेढ़ो दिखे
नट किसी चलगत यह सीखे
टेड़े नैन चलावे तीखे
सब देवन को देव, सब देवन को देव
ताऊ ये ब्रज में घेरे गाय
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
ब्रह्मा मोह कियो पछतायो
दर्शन को शिव ब्रज में आयो
मान इंद्र को दूर भगायो
ऐसो वैभव वारो, ऐसो वैभव वारो
ताऊ ये ब्रज में गारी खाए
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
बड़े बड़े असूरन को मारयो
नाग कालिया पकड़ पछाड़ो
सात दिना तक गिरिवर धारयो
ऐसो बलि ताऊ, ऐसो बलि ताऊ
खेलत में ग्वालन पे पीट जाय
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
रूप छबीलो है ब्रज सुंदर
बिना बुलाए डोले घर घर
प्रेमी ब्रज गोपीन को चाकर
ऐसो प्रेम बढ्यो, ऐसो प्रेम बढ्यो
माखन की चोरी करवे जाए
सर्व भयानक रोग नाशक मंत्र (Sarv Bhayanak Rog Nashak Mantra)
नामवली: रामायण मनका 108 (Namavali: Ramayan Manka 108)
ऐसो ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
ऐसो ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
तीनों लोकन हूँ में नाय
तीनों लोकन हूँ में नाय
हो सखी, ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर
तीनों लोकन हूँ में नाय
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