जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली
लेके शिव रूप आना गजब हो गया
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥
बचपन की कहानी निराली बड़ी
जब लगी भूख हनुमत मचलने लगे
फल समझ कर उड़े आप आकाश में
तेरा सूरज को खाना गजब हो गया ॥
कूदे लंका में जब मच गयी खलबली
मारे चुनचुन कर असुरो को बजरंगबली
मारडाले अच्छो को पटककर वही
तेरा लंका जलाना गजब हो गया ॥
आके शक्ति लगी जो लखनलाल को
राम जी देख रोये लखनलाल को
लेके संजीवन बूटी पवन वेग से
पूरा पर्वत उठाना गजब हो गया ॥
जब विभीषण संग बैठे थे श्री राम जी
और चरनो में हाजिर थे हनुमान जी
सुन के ताना विभीषण का अंजनी के लाल
फाड़ सीना दिखाना गजब हो गया ॥
सारे जहाँ के मालिक तेरा ही आसरा है: भजन (Sare Jahan Ke Malik Tera Hi Aasara Hai)
दत्तात्रेय 108 नाम (Dattatreya 108 Names)
आरती: ॐ जय महावीर प्रभु (Om Jai Mahavir Prabhu)
जय हो जय हो तुम्हारी जी बजरंग बली
लेके शिव रूप आना गजब हो गया
त्रेतायुग में थे तुम आये द्वापर में भी
तेरा कलयुग में आना गजब गो गया ॥