जय जय राधा रमण हरी बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
मन तेरा बोले राधेकृष्णा,
तन तेरा बोले राधेकृष्णा,
जिव्हा तेरी बोले राधेकृष्णा,
मुख से निकले राधेकृष्णा,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
पलकें तेरी बोले राधेकृष्णा,
अलके तेरी बोले राधेकृष्णा,
आँखे तेरी बोले राधेकृष्णा,
साँसे तेरी बोले राधेकृष्णा,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
धड़कन बोले राधेकृष्णा,
तड़पन बोले राधेकृष्णा,
अंतर बोले राधेकृष्णा,
रोम रोम बोले राधेकृष्णा,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
पंछी बोले राधेकृष्णा,
भंवरे बोले राधेकृष्णा,
बंशी बोले राधेकृष्णा,
वीणा बोले राधेकृष्णा,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
वृन्दावन में राधेकृष्णा,
बरसाने में राधेकृष्णा,
गोवर्धन में राधेकृष्णा,
नंदगांव में राधेकृष्णा,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 10 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 10)
जांभोजि द्वारा किए गए प्रश्न बिश्नोई समाज के बारे में?
मैं बालक तू माता शेरां वालिए: भजन (Main Balak Tu Mata Sherawaliye)
मुनिजन बोले राधेकृष्णा,
गुरुजन बोले राधेकृष्णा,
हम सब बोले राधेकृष्णा,
सब जग बोले राधेकृष्णा,
जय जय राधा रमण हरि बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
जय जय राधा रमण हरी बोल,
जय जय राधा रमण हरि बोल ॥
स्वर – श्री म्रदुल कृष्ण जी शाश्त्री।
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