मुरली बजा के मोहना, क्यों कर लिया किनारा।
अपनों से हाय कैसा, व्यवहार है तुम्हारा॥
ढूंढा गली गली में, खोजा डगर डगर में।
मन में यही लगन है, दर्शन मिले दुबारा॥
॥ मुरली बजा के मोहना…॥
मधुबन तुम्ही बताओ, मोहन कहाँ गया है।
कैसे झुलस गया है, कोमल बदन तुम्हारा॥
॥ मुरली बजा के मोहना…॥
यमुना तुम्हीं बताओ, छलिया कहाँ गया है।
तूँ भी छलि गयी है, कहती है नील धारा॥
॥ मुरली बजा के मोहना…॥
दुनियां कहे दीवानी, मुझे पागल कहे जमाना।
पर तुमको भूल जाना, हमको नहीं गवांरा॥
॥ मुरली बजा के मोहना…॥
श्री सीता आरती (Shree Sita Mata Aarti)
हर ग्यारस खाटू में अमृत जो बरसता है - भजन (Har Gyaras Khatu Me Amrit Jo Barasta Hai)
मैया आरासुरी करजो आशा पूरी: भजन (Maiya Aarasuri Kar Jo Aasha Puri)
मुरली बजा के मोहना, क्यों कर लिया किनारा।
अपनों से हाय कैसा, व्यवहार है तुम्हारा॥
Post Views: 156