ये मेरी अर्जी है: भजन (Ye Meri Arzi Hai)

jambh bhakti logo

ये मेरी अर्जी है,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

दोहा – मैंने कब कहा,
की मुझे दुनिया का माल दे,
लगी है फास दिल में निकाल दे
मुझ गरीब का तो श्याम,
इतना सवाल है,
जो कुछ समझ में आए,
मेरी झोली में डाल दे ॥

लफ्जो का टोटा है,
लफ्जो का टोटा है,
जिक्र प्यारे का,
अश्को से होता है,
ये मेरी अर्जी हैं,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

छम छम छम बारिश है,
छम छम छम बारिश है,
माहि घर आजा,
हर बून्द सिफारिश है,
ये मेरी अर्जी हैं,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

वो इतना प्यारा है,
वो इतना प्यारा है,
चाँद कहे उससे,
तू चाँद हमारा है,
ये मेरी अर्जी हैं,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

जग रोक ना पाएगा,
जग रोक ना पाएगा,
मीरा नाचेगी,
जब श्याम बुलाएगा,
ये मेरी अर्जी हैं,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

हरे राम हरे रामा, जपते थे हनुमाना - भजन (Hare Ram Hare Rama Japte The Hanumana)

म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ: भजन (Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath)

संत साहित्य ..(:- समराथल कथा भाग 15 🙂

मेरा माहि गबरू है,
मेरा माहि गबरू है,
उसकी खुशबु से,
खुशबु में खुशबु है,
ये मेरी अर्जी हैं,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

ये मेरी अर्जी है,
मै वैसी बन जाऊँ,
जो तेरी मर्जी है ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment