बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं – भजन (Bas Itni Tamanna Hai Shyam Tumhe Dekhun)

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बस इतनी तमन्ना है,
बस इतनी तमन्ना है,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

सिर मुकुट सुहाना हो,
माथे तिलक निराला हो,
गल मोतियन माला हो,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

कानो में हो बाली,
लटके लट घुंघराली,
तेरे अधर पे मुरली हो,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

बाजू बंद बाहों पे,
पैजनियाँ पाओं में,
होठों पे हसी कुछ हो,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

दिन हो या अँधेरा हो,
चाहे शाम सवेरा हो,
सोऊँ तो सपनो में,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

चाहे घर हो नंदलाला,
कीर्तन हो गोपाला,
हर जग के नज़ारे में,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

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कहता है कमल ऐ किशन,
सौगात मुझे यह दे,
जिस और नज़र फेरूँ,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

बस इतनी तमन्ना हैं,
बस इतनी तमन्ना हैं,
श्याम तुम्हे देखूं,
घनश्याम तुम्हे देखूं ॥

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Sandeep Bishnoi

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