गौरी के लाला हो,
मेरे घर आ जाना,
घर आँगन की ओ देवा,
शोभा बढ़ा जाना,
गौरी के लाला हों,
मेरे घर आ जाना ॥
भादो मास आया है,
संग में खुशियाँ लाया है,
बड़े जतनो से है मैंने,
घर क़ो अपने सजाया है,
तूने वादा किया था मुझसे,
वादा निभा जाना,
गौरी के लाला हों,
मेरे घर आ जाना ॥
चंदन चौकी सजाऊं,
उसपे तुझको बिठाऊं,
पान फूल चढ़ाके,
मोदक भोग लगाऊं,
बड़े प्रेम से बनाए हैं,
ये लडवन खा जाना,
गौरी के लाला हों,
मेरे घर आ जाना ॥
रोज कीर्तन गजानन करूँ,
तेरी भक्ति में ध्यान धरूँ,
पुरी श्रद्धा से हे मेरे देवा,
निश दिन मैं तेरा पूजन करूँ,
अकेले ना आना प्रभु,
रिद्धि सिद्धि संग लाना,
गौरी के लाला हों,
मेरे घर आ जाना ॥
जपे तेरा जो नाम प्रभु,
करते तुमको प्रणाम प्रभु,
उनके विघ्न और बाधा टलें,
बनते बिगड़े काम प्रभु,
आस मैंने लगाई है जो,
उसको पुगा जाना,
गौरी के लाला हों,
मेरे घर आ जाना ॥
आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा (Asha Dashami Pauranik Vrat Katha)
आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा (Asha Dashami Pauranik Vrat Katha)
आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा (Asha Dashami Pauranik Vrat Katha)
गौरी के लाला हो,
मेरे घर आ जाना,
घर आँगन की ओ देवा,
शोभा बढ़ा जाना,
गौरी के लाला हों,
मेरे घर आ जाना ॥