बच्चो से कभी मैया,
यूँ रहती दूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
तेरे दर्श को मेरी माँ,
मेरे नैन तरसते है,
रुकते नहीं पलभर भी,
दिन रात बरसते है,
तुमसे हम दूर रहे,
दिल को मंजूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
लेनी है परीक्षा तो,
माँ और कोई ले ले,
गम तेरी जुदाई का,
हम कैसे बता झेले,
बच्चो को तड़पाना,
तेरा दस्तूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
आजा मेरी मैया,
नहीं और सहा जाए,
जीवन का भरोसा क्या,
कही देर ना हो जाए,
दिल टूट के ‘सोनू’ का,
हो जाए चूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥
त्रिस्पृशा एकादशी महायोग कथा (Trisparsha Ekadashi Mahayog Katha)
शीतला माता की आरती (Sheetla Mata Ki Aarti)
बच्चो से कभी मैया,
यूँ रहती दूर नहीं,
हम तो मजबूर है माँ,
तुम तो मजबूर नहीं,
बच्चों से कभी मैया ॥