मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम,
एक तू ही है मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
मिलता सब कुछ,
दरबार में तेरे जो भी आता है,
लो आ गई मैं भी दर पे,
मुझको भी हो कृपा,
मेरी सुनले बाबा,
बाणधारी खाटू के चमन,
एक तू ही हैं मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
चलना साथ हरदम,
बाबा मैं विश्वास लाइ हूँ,
दुनिया से हार गई हूँ,
तेरे दर पे आई हूँ,
रहना हरपल बाबा,
साथ मेरे तुझे है कसम,
एक तू ही हैं मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
आऊं नगरी तेरी तो,
मैं बस तेरी हो जाऊं,
तेरे दर्शन जो कर लूँ,
मैं तुझमे खो जाऊं,
तेरे मिलने की दुरी अब,
हुई है ख़तम,
एक तू ही हैं मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥
लोहट-हांसा को जाम्भोजी का अंतिम उपदेश
चित्रकूट के घाट-घाट पर, शबरी देखे बाट: भजन (Bhajan: Chitrakoot Ke Ghat Ghat Par Shabri Dekhe Baat)
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम,
एक तू ही है मेरा,
बाकी सब है वहम,
मेरे बाबा साथ,
छोड़ना ना तुझे है कसम ॥