बिसर गई सब तात पराई – शब्द कीर्तन (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

jambh bhakti logo

बिसर गई सब तात पराई,
जब ते साध संगत मोहे पाई,

ना कोई बैरी नहीं बेगाना,
सगल संग हमको बन आई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।

जो प्रभु कीन्हो सो भल मान्यो,
एह सुमत साधु ते पाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।

सब में रव रहिया प्रभु एको,
पेख पेख नानक बिगसाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।

मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha)

श्री कुबेर आरती (Shri Kuber Aarti)

परिश्रम करे कोई कितना भी लेकिन: भजन (Parishram Kare Koi Kitana Bhi Lekin)

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment