मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
मेरी मैया के दर पे जो आते,
हर सवाली सभी कुछ है पाते,
जिसे मां पर नहीं है भरोसा,
सारी दुनिया से ठोकर वो खाते,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
लोग पीते हैं पी कर के गिरते,
हम तो पीते पर गिरते नहीं है,
हम तो पीते हैं भक्ति का प्याला,
दुनिया वालों से डरते नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
जिसने चरणों पे सर को झुकाया,
दूर अपने गमो को हटाया,
मेरी मैया की चौखट जो आते,
फिर कही ना वो सर को झुकाते,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
मां के दर पर तो आकर के देखो,
अपने आंसू बहाकर तो देखो,
तुम रोते हो दुनिया के आगे,
दुख मां को सुना कर तो देखो,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 30 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 30)
मेरी नैया पार लगेगी, माँ खड़ी है तू उस पार: भजन (Meri Naiya Paar Lagegi Maa Khadi Hai Tu Us Paar)
भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना: भजन (Bhagwan Meri Naiya Us Par Gaga Dena)
मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी,
किस जगह तेरा जलवा नहीं है,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा जलवा जलवा,
तेरा जलवा कोई कोई देखे,
हर किसी का मुकद्दर नहीं है ॥
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन