बिसर गई सब तात पराई – शब्द कीर्तन (Bisar Gai Sab Taat Paraai)

jambh bhakti logo

बिसर गई सब तात पराई,
जब ते साध संगत मोहे पाई,

ना कोई बैरी नहीं बेगाना,
सगल संग हमको बन आई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।

जो प्रभु कीन्हो सो भल मान्यो,
एह सुमत साधु ते पाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।

सब में रव रहिया प्रभु एको,
पेख पेख नानक बिगसाई,
बिसर गई सब तात पराई,
बिसर गयी सब तात पराई ।

गंगा की धारा का समराथल पर आगमन(Samrathl par Ganga ji)

गुरु आसन समराथल भाग 3 ( Samarathal Dhora )

आरती: श्री शनिदेव - जय जय श्री शनिदेव (Shri Shani Dev Ji)

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment