पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु ।
कृपा कर अपनायो ॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
जन्म जन्म की पूंजी पाई ।
जग में सबी खुमायो ॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे।
दिन दिन बढ़त सवायो॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
सत की नाव खेवटिया सतगुरु।
भवसागर तरवयो॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 21 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 21)
हे भोले बाबा हे भंडारी: भजन (Hey Bhole Baba Hey Bhandari)
छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार (Chhath Puja: Pahile Pahil Chhathi Maiya)
मीरा के प्रभु गिरिधर नगर।
हर्ष हर्ष जस गायो॥
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो ।