जो सुमिरत सिधि होइ – भजन (Jo Sumirat Siddhi Hoi)

jambh bhakti logo

श्री रामायण प्रारम्भ स्तुति,
जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥
करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥

मूक होइ बाचाल पंगु चढइ गिरिबर गहन ॥
जासु कृपाँ सो दयाल द्रवउ सकल कलि मल दहन ॥ 2 ॥

नील सरोरुह स्याम तरुन अरुन बारिज नयन ॥
करउ सो मम उर धाम सदा छीरसागर सयन ॥ 3 ॥

कुंद इंदु सम देह उमा रमन करुना अयन ॥
जाहि दीन पर नेह करउ कृपा मर्दन मयन ॥ 4 ॥

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 29 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 29)

शेरावाली के दरबार में, होती है सुनवाई: भजन (Sherawali Ke Darbar Mein Hoti Hai Sunwai)

छठ पूजा: आदितमल के पक्की रे सड़कीया - छठ गीत (Aaditamal Ke Pakki Re Sadkiya)

बंदउ गुरु पद कंज कृपा सिंधु नररूप हरि ॥
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर ॥ 5 ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment