विद्यां ददाति विनयं,
विनयाद् याति पात्रताम् ।
पात्रत्वात् धनमाप्नोति,
धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥
हिन्दी भावार्थ:
विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन आता है, धन से धर्म होता है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है।
श्री लक्ष्मी चालीसा (Shri Lakshmi Chalisa)
अहं ब्रह्मास्मि महावाक्य (Aham Brahmasmi)
घर में पधारो गजानन जी - भजन (Ghar Me Padharo Gajanan Ji)
Post Views: 220