श्री तुलसी नामाष्टक स्तोत्रम् (Shri Tulsi Namashtakam Strotam)

jambh bhakti logo

वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपुजिता, विश्वपावनी ।
पुष्पसारा, नंदिनी च तुलसी, कृष्णजीवनी ॥

एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम ।
य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत ॥

वृन्दायै नमः ।
वृन्दावन्यै नमः ।
विश्वपूजितायै नमः ।
विश्वपावन्यै नमः ।
पुष्पसारायै नमः ।
नन्दिन्यै नमः ।
तुलस्यै नमः ।
कृष्णजीवन्यै नमः ॥8

म्हापे जद भी मुसीबत, कोई आवन लागे: भजन (Mhape Jad Bhi Musibat Koi Aavan Laage)

तन के तम्बूरे में, दो सांसो की तार बोले - भजन (Tan Ke Tambure Me Do Sanso Ki Tar Bole)

शीतला माता की आरती (Sheetla Mata Ki Aarti)

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment