हे जग स्वामी, अंतर्यामी, तेरे सन्मुख आता हूँ! (He Jag Swami Anataryami, Tere Sanmukh Aata Hoon!)

jambh bhakti logo

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।
सन्मुख आता, मैं शरमाता
भेंट नहीं कुछ लाता हूँ
॥ हे जग स्वामी…॥

पापी जन हूँ, मैं निर्गुण हूँ
द्वार तेरे पर आता हूँ
॥ हे जग स्वामी…॥

मुझ पर प्रभु कृपा कीजे
पापों से पछताता हूँ
॥ हे जग स्वामी…॥

पाप क्षमा कर दीजे मोरे,
मन से ये ही चाहता हूँ
॥ हे जग स्वामी…॥

श्री गोवर्धन महाराज आरती (Shri Govardhan Maharaj)

महामंत्र शिवजी का, हमें प्यारा लागे: भजन (Mahamantra Shivji Ka Hame Pyara Lage)

कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 3 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 3)

हे जग स्वामी, अंतर्यामी,
तेरे सन्मुख आता हूँ ।

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment