प्रथमेनार्जिता विद्या.. (Prathame Narjita Vidya..)
प्रथमेनार्जिता विद्या, द्वितीयेनार्जितं धनं । तृतीयेनार्जितः कीर्तिः, चतुर्थे किं करिष्यति ॥ सरल रूपांतरण: प्रथमे नार्जिता विद्या, द्वितीये नार्जितं धनम् । तृतीये नार्जितं पुण्यं, चतुर्थे किं
प्रथमेनार्जिता विद्या, द्वितीयेनार्जितं धनं । तृतीयेनार्जितः कीर्तिः, चतुर्थे किं करिष्यति ॥ सरल रूपांतरण: प्रथमे नार्जिता विद्या, द्वितीये नार्जितं धनम् । तृतीये नार्जितं पुण्यं, चतुर्थे किं
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः – यजुर्वेद ९:२३ हिन्दी भावार्थ: हम पुरोहित राष्ट्र को जीवंत एवं जाग्रत बनाए रखेंगे। पुरोहित का अर्थ होता है जो इस
अथ बिल्वाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम् ॥ त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधम् । त्रिजन्म पापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥ १॥ त्रिशाखैः बिल्वपत्रैश्च अच्छिद्रैः कोमलैः शुभैः । तव पूजां करिष्यामि एकबिल्वं
मंगल ग्रह को शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी तथा नवग्रहों का सेनापति माना गया है। इनका प्रमुख रंग लाल तथा राशि मेष मानी
भक्तामर-प्रणत-मौलि-मणि-प्रभाणा- मुद्योतकं दलित-पाप-तमो-वितानम् । सम्यक्-प्रणम्य जिन प-पाद-युगं युगादा- वालम्बनं भव-जले पततां जनानाम् ॥1॥ य: संस्तुत: सकल-वां मय-तत्त्व-बोधा- दुद्भूत-बुद्धि-पटुभि: सुर-लोक-नाथै: । स्तोत्रैर्जगत्-त्रितय-चित्त-हरैरुदारै:, स्तोष्ये किलाहमपि तं प्रथमं
ॐ | ओ३म् | ओम सबसे छोटा और सरल शब्द मंत्र है, जिसे बीज मंत्र के नाम से भी जाना जाता है। ॐ (Om or
पुष्पांजलि का अर्थ है फूलों से भरी हुई अंजलि जो किसी देवता अथवा महापुरुष को अर्पित की जाती है। धार्मिक अनुष्ठानों अर्थात हवन, पूजन, आरती,
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