
नैया मझधार मेरी, टूटी पतवार मेरी: भजन (Naiya Majhdhar Meri Tuti Patwar Meri)
नैया मझधार मेरी, टूटी पतवार मेरी, बन के तू मांझी, आजा श्याम मेरे ॥ बन के सहारा मुझे, पार उतार दे, बिगड़ी ये ज़िंदगानी, इसको
नैया मझधार मेरी, टूटी पतवार मेरी, बन के तू मांझी, आजा श्याम मेरे ॥ बन के सहारा मुझे, पार उतार दे, बिगड़ी ये ज़िंदगानी, इसको
तेरे द्वार खड़ा, तेरे द्वार खडा, मैं हार गया हूँ मेरे श्याम, मैं हार गया हूँ मेरे श्याम, तेरे द्वार खडा, तेरे द्वार खडा, नहीं
मुझे जो भी कुछ मिला है, तुमने ही सब दिया है, ओ साँवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है, ओ सांवरे दाता मेरे, तेरा शुक्रिया है
जुग जुग जियसु ललनवा, भवनवा के भाग जागल हो, ललना लाल होइहे, कुलवा के दीपक मनवा में, आस लागल हो ॥ आज के दिनवा सुहावन,
बुद्ध पूर्णिमा के साथ-साथ भीमराव अंबेडकर जयंती (14 अप्रैल) के दिन यह भगवान बुद्ध वन्दना जन-साधारण के बीच अत्यधिक लोकप्रिय है। बुद्ध वन्दना नमो तस्स
ओ बाबा खाटू वाले, मुझको तू दर पे बुला ले, बेटी हूँ ना मैं तेरी, मुझको तू गले लगा ले, ओ बाबा श्याम, दर पे
रोम रोम में बसा हुआ है, एक उसी का नाम, तू जपले राम राम राम, तू भजले राम राम राम, रोम रोम में बसा हुआ