नैया मझधार मेरी,
टूटी पतवार मेरी,
बन के तू मांझी,
आजा श्याम मेरे ॥
बन के सहारा मुझे,
पार उतार दे,
बिगड़ी ये ज़िंदगानी,
इसको संवार दे,
नैया चलाऊं कैसे,
पार लगाऊं कैसे,
बन के तू मांझी,
आजा श्याम मेरे ॥
आता नहीं है मुझको,
तूफ़ान से खेलना,
वश में नहीं है मेरे,
हिचकोले झेलना,
आशा टूटेगी मेरी,
नैया डूबेगी मेरी,
बन के तू मांझी,
आजा श्याम मेरे ॥
कर के दया मुझको,
भंवर से निकाल दे,
बनवारी नाव मेरी,
किनारे पे डाल दे,
होगा एहसान तेरा,
करदे कल्याण मेरा,
बन के तू मांझी,
आजा श्याम मेरे ॥
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नैया मझधार मेरी,
टूटी पतवार मेरी,
बन के तू मांझी,
आजा श्याम मेरे ॥