
दिखा दे थारी सुरतियाँ – भजन (Dikha de Thari Suratiya)
श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा , थारो दर्शन पाणे खातिर उड़ गयी आख्या श्यु
श्याम सलोनो प्यारो म्हारो, मैं लुल लुल जावा मन को मोर्यो नाचन लाग्यो झूम झूम गावा , थारो दर्शन पाणे खातिर उड़ गयी आख्या श्यु
हरियालो महीनों, नाँचे यो मन मोर, मिळणे ख़ातिर देखो, साँवरियो खींचे डोर, मिळणे ख़ातिर देखो, साँवरियो खींचे डोर । हरियाली छाई बाबा, हिवड़ो लूभावै, परचम
आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द आजा कलयुग में लेके अवतार ओ गोविन्द अपने भगतो की सुन ले पुकार ओ गोविन्द अपने भगतो की
अजब हैरान हूं भगवन! तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं । कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं ॥ करें किस तौर आवाहन कि, तुम
ईश्वर को जान बन्दे, मालिक तेरा वही है, करले तू याद दिल से, हर जाम वो सही है । ईष्वर को जान बन्दे, मालिक तेरा
भरोसा कर तू ईश्वर पर, तुझे धोखा नहीं होगा । यह जीवन बीत जायेगा, तुझे रोना नहीं होगा ॥ कभी सुख है कभी दुख है,
बन्दे तेरा रे नही रे ठिकाना, एक ना एक रोज, पडे़गा तुझे जाना रे, बन्दें तेरा रे नहीं रे ठिकाना ॥ बीत गया बचपन ढली