चौसठ जोगणी रे भवानी: राजस्थानी भजन (Chausath Jogani Re Bhawani, Dewaliye Ramajay)
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय, घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय ॥ देवलिये रमजाय म्हारे, आंगणिये रमजाय, चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय, घूमर
चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय, घूमर घालणि रे भवानी, देवलिये रमजाय ॥ देवलिये रमजाय म्हारे, आंगणिये रमजाय, चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाय, घूमर
दृष्टि हम पे दया की माँ डालो, बडी संकट की आई घड़ी है । द्वार पर तेरे हम भी खड़े है, आँखो में आँसुओ कि
या देवी सर्वभूतेषु, दया-रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः ॥ दुर्गा दुर्गति दूर कर, मंगल कर सब काज । मन मंदिर उज्वल करो,
देवो में सबसे बड़े, मेरे महादेव हैं, सर्पो की गले माल, चंद्रमा सोहे भाल, अद्भुत महादेव है ॥ हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी, सृष्टि के शिव
मेरे भोले बाबा जटाधारी शम्भू, हे नीलकंठ त्रिपुरारी हे शम्भू ॥ नंदी की सवारी है, गौरा मैया साथ है, डोर ये जीवन की, तेरे ही
मेरे नाथ केदारा, तेरे नाम का सहारा, तेरे नाम की है जोली, तेरे नाम का गुजारा, रुठा अच्छा नहीं लागे मेरा केदारा, निकला हूं आज
हरी हरी भांग का मजा लीजिये, सावन में शिव की बूटी पिया कीजिये, सावन में शिव की बूटी पिया कीजिये ॥ इसकी हर पत्ती में
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