हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti)
श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली श्री हनुमान आरती है।॥ श्री
श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बूढ़े मंगलवार और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाली श्री हनुमान आरती है।॥ श्री
भगवान शिव जिन्हें शंकर, भोलेनाथ, महादेव के संबोधन से भी पुकारा जाता है। इनकी स्तुति मुख्यता साप्ताहिक दिन सोमवार, मासिक त्रियोदशी तथा प्रमुख दो शिवरात्रियों को की
श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा, श्री हनुमान जन्मोत्सव और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से वाचन किया जाने वाली वंदना।॥दोहा॥श्री रामचन्द्र
माँ दुर्गे का साप्ताहिक दिन शुक्रवार, दोनों नवरात्रि, अष्टमी, माता की चौकी एवं जगराते में सबसे अधिक गाई जाने वाली आरती।अम्बे तू है जगदम्बे काली,जय
ॐ जय जगदानन्दी,मैया जय आनंद कन्दी ।ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवाशिव हरि शंकर, रुद्रौ पालन्ती ॥॥ ॐ जय जगदानन्दी..॥देवी नारद सारद तुम वरदायक,अभिनव पदण्डी ।सुर नर
आरती कीजै नरसिंह कुंवर की ।वेद विमल यश गाउँ मेरे प्रभुजी ॥पहली आरती प्रह्लाद उबारे ।हिरणाकुश नख उदर विदारे ॥ दुसरी आरती वामन सेवा ।बल
हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को सभी देवताओं का गुरु माना जाता है। गुरुवार के व्रत में बृहस्पति देव की आरती करने का विधान माना
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