
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 5
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 5 राजा ने प्रार्थना करते हुए कहा- हे देव। आप अपने शिष्यों के सहित
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 5 राजा ने प्रार्थना करते हुए कहा- हे देव। आप अपने शिष्यों के सहित
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 4 एक सम वीसनोई गंगापार पूरब का अरज कोवी। जांभाजी ! तुरकाणी को जोर है।
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 3 जय हो लोहट के लाला की। जो हमारे जैसे दास पर कृपालु हुए है।
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 2 इब्राहिम ने कहा- यदि अंदर बंद नहीं कर सकते तो इस फकीर की
जाम्भोजी का भ्रमण भाग 1 पश्चिम देशों का भ्रमण करके श्री देवजी समराथल पर विराजमान हुऐ।
भक्त रतने का गुरु शरण में आना हे शिष्य। अब मैं तुम्हे एक कथा जो गंगा के समान
मौनी बालक की कथा एक विसनोवण एक डावड़ो ले आयी। जाम्भाजी | ओह मोटो हुवो, अजु बोल
अमावस्या व्रत कथा महात्म्य ( अमावस्या क्यों रखनी चाहिए ) एक समे चाली, कोई कह तीरथ को बड़ो
सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र भाग 1 सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र ने त्रेतायुग का प्रतिनिधित्व किया था। इनके पिता त्रिशंकु नाम के राजा थे। इन्हीं त्रिशंकु
रूपा मांझू को जल छानने का आदेश भाग 1 नाथोजी उवाच- हे शिष्य श्री देवजी ने एक समय रूपा मांझू
श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान की बाल लीला भाग 2 उसी समय घर में एक योगी ने प्रवेश किया। हांसा ने देखा- हाथ में डमरूं, जटाजूट
म्हारे घर आये जम्भ भगवान जम्भेश्वर भजन Lyrics म्हारे घर आए जम्भ भगवान सोने रो सूरज उगियो सोहन कलश गंगा जल भरियो सखियाँ मंगल गाय
भूल बिसर मत जाई कन्हैया, मेरी ओड़ निभाना जी | मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुंडल झलकत काना जी | वृन्दावन की कुञ्ज गलिन में,मोहन वंशी
प्रश्न 123. गुरुदेव ! आपके मंत्र कहां-कहां काम आयेंगे ? रणधीर ! मेरे मंत्र सब प्रकार के दुःख मिटाने के काम आयेंगे। उत्तर – जैसे-
प्रश्न 101. गुरुदेव ! आपने जो अन्न बांटा वो अन्न कहां से लाए ? उत्तर- रणधीर मुझे कोई भी वस्तु लाने में विचार करने की
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 71. गुरुदेव ! आप सूतल लोक में कितने समय तक रहे ? उत्तर- रणधीर ! मैं सूतल लोक में चालीस दिनों तक रहा सूतल
प्रश्न 51. गुरुदेव ! आपके प्रथम शब्दोपदेश का अर्थ हम छोटी बुद्धि के लोग कुछ समझे नहीं, आप कृपा करके हमें समझाइये ? उत्तर- रणधीर
प्रश्न 24. गुरुदेव ! परमात्मा व जीवात्मा में क्या अन्तर है ? उत्तर – रणधीर ! परमात्मा व जीवात्मा में सत्ता रूप में कोई भेद
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