दीपावली के तुरंत बाद आने वाली गोवर्धन पूजा में गाई जाने वाली प्रमुख आरती।
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तोपे* पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े,
तोपे चढ़े दूध की धार।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,
ठोड़ी पे हीरा लाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तेरे कानन कुंडल चमक रहेओ,
तेरी झांकी बनी विशाल।
॥ श्री गोवर्धन महाराज…॥
तेरी सात कोस की परिकम्मा,
चकलेश्वर है विश्राम।
म्हारी बिनती सुणो थे हनुमान: भजन (Mhari Vinti Suno The Hanuman)
राम नाम सुखदाई, भजन करो भाई - भजन (Ram Naam Sukhdai Bhajan Karo Bhai Yeh Jeevan Do Din Ka)
हाथी का शीश ही क्यों श्रीगणेश के लगा? (Hathi Ka Sheesh Hi Kiyon Shri Ganesh Ke Laga?)
श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,
तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धारण प्रभु तेरी शरण।
* तोपे: तुम पर / तुम्हारे ऊपर