राम नाम मधुबन का,
भ्रमर बना, मन शिव का।
निश दिन सिमरन करता,
नाम पुण्यकारी॥
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
निश दिन सिमरन करते,
नाम पुण्यकारी ॥
लोचन त्रय अति विशाल,
सोहे नव चन्द्र भाल,
रुण्ड मुण्ड व्याल माल,
जटा गंग धारी ।
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
सतत जपत राम नाम,
अतिशय शुभकारी ॥
पारवती पति सुजान,
प्रमथ राज वृषभ यान,
सुर नर मुनि सैव्यमान,
त्रिविध ताप हारी ।
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
श्री चिंतपूर्णी देवी की आरती (Mata Shri Chintpurni Devi)
जिस भजन में राम का नाम ना हो: भजन (Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho)
कर्पूरगौरं करुणावतारं (Karpura Gauram Karuna Avataram)
औघड़ दानी महान,
कालकूट कियो पान,
आरत-हर तुम समान,
को है त्रिपुरारी।
शंकर शिव शम्भु,
साधु सन्तन सुखकारी ॥
शिव चालीसा | लिङ्गाष्टकम् | शिव आरती | शिव भजन | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र