राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम की महिमा का,
कोई आर न कोई पार रे ।
लाख जतन किये,
फिर भी न समझ संसार रे ।
राम के चरणों में मिले,
इस जग के सारे धाम ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
तन में, मन में, और हृदय में,
राम का गुणगान हो ।
हर घडी, हर पल, हर क्षण,
राम का ही ध्यान हो ।
राम में ही मग्न रहे,
भक्ति हो सुबह शाम ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम नाम जपते रहो,
जब तक घट घट मे प्राण ।
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
माँ सरस्वती अष्टोत्तर-शतनाम-नामावली (Sarasvati Ashtottara Shatnam Namavali)
पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 7 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 7)
शिव अद्भुत रूप बनाए: भजन (Shiv Adbhut Roop Banaye)
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥
राम भजो, राम रटो,
राम साधो, राम राम ॥