पधारो म्हारे अंगना जी ॥
दोहा – हे शंकर सुत गौरी के लाला,
हम करे तुम्हारा ध्यान,
आके गजानन दर्शन दिखा दो,
रख लो हम भक्तो का मान ॥
आओ आओ गणपति महाराज,
पधारो म्हारे अंगना जी,
कबसे रस्ता रहे है निहार,
कबसे रस्ता रहे है निहार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥
फूलों से थारा दरबार सजाया,
चन्दन चौकी पे आसन लगाया,
आओ आओ विराजो गौरी लाल,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आके हमको भी कर दो निहाल,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥
रिद्धि सिद्धि तुम लेके आना,
शिव संग माँ गौरा को भी लाना,
पूरी करना हमारी मुराद,
पधारों म्हारे अंगना जी,
करो अखियों का सपना साकार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥
मोदक लड्डू मेवा बरफी,
भोग लगाऊं स्वीकारो म्हारी अर्जी,
थारी हम तो करे जय जयकार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
करो अखियों का सपना साकार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥
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जबसे पड़े शुभ चरण तुम्हारे,
जाग उठे है भाग्य हमारे,
पा के दर्शन तुम्हारे गणराज,
बढ़ी है शोभा अंगना की,
यूँ ही मूसे पे हो के सवार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥
गजमुख तेरा रूप ये भाये,
मंगलकारी तू कहलाए,
‘राजेश’ का करो बेडा पार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥
आओ आओ गणपति महाराज,
पधारों म्हारे अंगना जी,
कबसे रस्ता रहे है निहार,
कबसे रस्ता रहे है निहार,
पधारों म्हारे अंगना जी,
आओ आओ देवों के सरताज,
पधारों म्हारे अंगना जी ॥