ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो – भजन (Om Mahakal Ke Kal Tum Ho Prabhu)

jambh bhakti logo

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,
गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,
कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,
हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

हैं जटा बीच मंदाकिनी की छटा,
मुंडमाला गले बीच शोभित महा,
कंठ में माल विषधर लपेटे हुए,
करके सिंगार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

बैठे कैलाश पर्वत पर आसन लगा,
भस्म तन पर हो अपने लगाए हुए,
है तुम्हारी निराली ये अनुपम छटा,
सबके आधार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

न्यारी महिमा तुम्हारी है त्र्यलोक में,
भोले भंडारी तुम बोले जाते प्रभो,
अम्बिका निर्मोही को आस है आपकी,
कर दो उद्धार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

ॐ महाकाल के काल तुम हो प्रभो,
गुण के आगार सत्यम् शिवम् सुंदरम्,
कर में डमरू लसे चंद्रमा भाल पर,
हो निराकार सत्यम् शिवम् सुंदरम् ॥

बंसी बजा के मेरी निंदिया चुराई: भजन (Bansi Bajake Meri Nindiya Churai)

तू प्यार का सागर है: भजन (Tu Pyar Ka Sagar Hai)

जम्भेश्वर भगवान अवतार के निमित कारण भाग -2

शिव चालीसा | लिङ्गाष्टकम् | शिव आरती | शिव भजन | शिव पंचाक्षर स्तोत्र | द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment