ऊँ शिव गोरक्ष योगी
गंगे हर-नर्मदे हर, जटाशङ़्करी हर ऊँ नमो पार्वती पतये हर,
बोलिये श्री शम्भू जती गुरु गोरक्षनाथ महाराज की जय, माया
स्वरूपी दादा मत्स्येन्द्रनाथ महाराज की जय, नवनाथ चौरासी सिद्धों
की जय, भेष भगवान की जय, अटल क्षेत्र की जय, रमतेश्वर
महाराज की जय, कदली काल भैरवनाथ जी की जय, पात्र देवता
की जय, ज्चाला महामाई की जय, सनातन धर्म की जय, अपने-अपने
गुरु महाराज की जय, गौ-ब्राह्मण की जय, बोले साचे दरबार की जय,
हर हर महादेव की जय ।
कपूर्रगौरम् करुणावतारम्
संसारसारम् भुजगेन्द्र हारम् ।
सदा वसन्तम् हृदयारविन्दे
भवं भवानी सहितम् नमामि ॥
मन्दारमाला कलिनाल कायै
कपालमालाङि़्कत कन्थराय ।
नमः शिवायै च नमः शिवाय
गोरक्ष बालम् गुरु शिष्य पालम्
शेषांहिमालम् शशिखण्ड भालम् ।
कालस्य कालम् जितजन्म जालम्
वन्दे जटालम जगदब्जनालम् ॥
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वर!
गुरुः साक्षात्परब्रह्म, तस्मै श्री गुरवै नमः ॥
ध्यानमूलं गुरोर्मूर्तिः, पूजा मूलं गुरोः पदम्
मन्त्रमूलं गुरोर्वाक्यं मोक्ष मूलं गुरोः कृपा
मन्त्र सत्यं पूजा सत्यं सत्यदेव निरन्जनम्
गुरुवाक्यं सदा सत्यं सत्यमेकम् परंपदम्
त्वमेव माता च पिता त्वमेव
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।
त्वमेव विद्या द्रविड़म् त्वमेव
त्वमेव सर्वम् मम देव देव!
आकाशे ताडका लिंगम
पाताले वटुकेश्वरम्
मर्त्ये लोके महाकालम्
सर्व लिंगम नमोस्तुते ॥
शेली श्रृंगी शिर जटा झोली भगवा भेष,
कानन कुण्डल भस्म लसै, शिव गोरक्ष आदेश ॥
श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग प्रादुर्भाव पौराणिक कथा (Shri Somnath Jyotirlinga Utpatti Pauranik Katha)
श्री राम स्तुति (Shri Ram Stuti)
सब कुछ मिला रे भोले, रहमत से तेरी - भजन (Sab Kuch Mila Re Bhole Rahmat Se Teri)
ऊँकार तेरा आधार
तीन लोक में जय-जयकार ।
नाद बाजे काल भागे,
ज्ञान की टोपी, गोरख साजे
गले नाद, पुष्पन की माला
रक्षा करें, श्री शम्भुजति गुरु
गोरक्षनाथ जी बाला ॥
चार खाणी चार बानी
चन्द्र सूर्य पवन पानी
एको देवा सर्वत्र सेवा
ज्योति पाटले परसो देवा
कानन कुण्डल गले नाद
करो सिद्धो नाद्कार
सिद्ध गुरुवरों को आदेश! आदेश ॥
Source: gorakhnathmandir.in