नैया चलाती हूँ, मैं बिगड़ी बनाती हूँ: भजन (Naiya Chalati Hu Main Bigadi Banati Hu)

jambh bhakti logo

नैया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ ॥

शरण जो मेरी आकर के,
भरोसा मुझ पर है करता,
भगत जो है मेरा होता,
मेरी नजरो में वो रहता,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ ॥

अगर तूफान आता है,
नाव हिचकोले खाती है,
नाव डूबे भला कैसे,
चुनड़ मेरी लहराती है,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ ॥

रखती हूँ ध्यान मैं इतना,
भगत तो सोता रहता है,
भगत कुछ भी नहीं करता,
काम सब होता रहता है,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ ॥

यही इच्छा है ‘बनवारी’,
यही दरबार में बैठूं,
भगत की नाव में बैठूं,
भगत के साथ में बैठूं,
नईया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ ॥

फागण को महीनो, लिख दीन्यो बाबा जी के नाम: भजन (Fagan Ko Mahino Likh Dino Baba Ji Ke Naam)

स्वर्ग खोलने की कूंची (श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान ने बताया)

शब्द ईलोल सागर भाग 2

नैया चलाती हूँ,
मैं बिगड़ी बनाती हूँ,
अपने भक्तो का मैं,
बेड़ा पार लगाती हूँ,
नईया चलाती हूँ ॥

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment