नाचे नन्दलाल, नचावे हरि की मईआ – भजन (Bhajan: Nache Nandlal Nachave Hari Ki Maiya)

jambh bhakti logo

नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
नचावे हरि की मईआ,
नचावे हरि की मईआ ।
नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥

मथुरा मे हरि, जन्म लियो है ॥
गोकुल मे पग, धरो री कन्हैया॥
रुनुक-झुनुक पग, घुँघरू वाज़े ॥
ठुमुक-ठुमुक पग, धरो री कन्हैया॥ …x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥

धोतो न बांधे, जामो न पहिरे ॥
पिताम्बर को, बडो रे पहरैया॥
टोपो न ओढ़े लाला, फेंटा* न बांधे ॥
मोर-मुकुट को, बडो रे ओढैईया॥ …x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥

शाला न ओढ़े, दुशाला ना ओढ़े ॥
काली रे कमरिया को, बडो रे ओढैईया॥
ढूध न भावे, दही ना खावे ॥
माखन-मिसरी को, बड़ो रे खवैईया॥…x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥

खेल ना खेले, खिलौना ना खेले ॥
बंसी को लाला, बडो री बजीईया ॥
चंदर सखी भज, बालकृष्ण छवि ॥
हंस हंस कंठ लगावे, हर की मैया ॥ …x2
॥ नाचे नन्दलाल…॥

भज राधे गोविंदा रे पगले: भजन (Bhaj Radhe Govinda Re Pagle)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 17 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 17)

जाम्भोजी ने सांणीया (भूत) को रोटू गाव से भगाया भाग 2

नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥
नचावे हरि की मईआ,
नचावे हरि की मईआ ।
नाचे नन्दलाल,
नचावे हरि की मईआ ॥

* फेंटा – साफा

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment