म्हाने प्राणा सु भी प्यारी,
माता रानी लागे,
माता रानी लागे,
म्हाने शेरोवाली मैया,
राज रानी लागे ॥
हाथां ले त्रिशूल भवानी,
सिंह पे चढ़ के आई,
घर में म्हारे आकर मैया,
म्हारो मान बढाई,
म्हापे हुकुम चलावे,
माँ धिरानी लागे,
म्हाने शेरावाली मैया,
राज रानी लागे ॥
थारा चरण पड्या तो मैया,
खुल गई क़िस्मत म्हारी,
‘हर्ष’ कवे माँ टाबरिया पे,
हो गई किरपा भारी,
थारी म्हारी मैया प्रीत,
पुराणी लागे पुराणी लागे,
म्हाने शेरावाली मैया,
राज रानी लागे ॥
म्हाने प्राणा सु भी प्यारी,
माता रानी लागे,
माता रानी लागे,
म्हाने शेरोवाली मैया,
राज रानी लागे ॥
आश्विन संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashvin Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
आशा दशमी पौराणिक व्रत कथा (Asha Dashami Pauranik Vrat Katha)
रूपा मांझू को जल छानने का आदेश भाग 1
दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन