मेरे तो आधार है,
भोलेनाथ के चरणारविन्द,
भोले के चरणारविन्द,
बाबा के चरणारविन्द,
मेरे तो आधार हैं,
भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥
भोर भये गंगाजल लेकर,
बाबा तेरे मंदिर आऊं,
धुप दीप नैवैद्य चढ़ाकर,
भोले तेरा ही गुण गाऊं,
नैनो से निहारूं बाबा,
तेरे ही चरणारविन्द,
मेरे तो आधार हैं,
भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥
इन प्यासे नैनो को बाबा,
दर्शन दो काशी के वासी,
मन का मेल मिटाकर मुझको,
अपना लो भोले अविनाशी,
मंजिल मुझे दिखाए बाबा,
तेरे ही चरणारविन्द,
मेरे तो आधार हैं,
भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥
कावड़ियों का एक सहारा,
वैद्यनाथ सुखधाम तुम्हारा,
तन्मयता से चलते चलते,
बोल रहे बम बम का नारा,
विपदाओं से सदा उबारे,
तेरे ही चरणारविन्द,
मेरे तो आधार हैं,
भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥
भूतनाथ भोले भंडारी,
जग प्रतिपालक भव भयहारी,
तेरी कृपा से भवसागर में,
चलती है ये नाव हमारी,
सभी दुखो से पार लगाते,
तेरे ही चरणारविन्द,
मेरे तो आधार हैं,
भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥
जांभोजि द्वारा किए गए प्रश्न बिश्नोई समाज के बारे में?
रवि प्रदोष व्रत कथा (Ravi Pradosh Vrat Katha)
झूलन चलो हिंडोलना, वृषभान नंदनी - भजन (Jjhulan Chalo Hindolana Vrashbhanu Nandni)
मेरे तो आधार है,
भोलेनाथ के चरणारविन्द,
भोले के चरणारविन्द,
बाबा के चरणारविन्द,
मेरे तो आधार हैं,
भोलेनाथ के चरणारविन्द ॥