मेरे तन में भी राम,
मेरे मन में भी राम,
रोम रोम में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥
जैसे चंदा में राम,
जैसे सूरज में राम,
अम्बर तारों में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥
जैसे भीलनी के राम,
जैसे मीरा के श्याम,
नर नारी में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥
जैसे सीता के राम,
जैसे राधा के श्याम,
पत्ते पत्ते में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 34 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 34)
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मेरे तन में भी राम,
मेरे मन में भी राम,
रोम रोम में समाया तेरा नाम रे,
मेरी सांसो में तेरा ही नाम रे ॥
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