मन मोहन मूरत तेरी प्रभु: भजन (Mann Mohan Murat Teri Prabhu)

jambh bhakti logo

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।
यदि चाह हमारे दिल में है,
तूम्‍हे ढूँढ ही लेंगे कहीं ना कहीं ॥

काशी मथुरा वृंदावन में,
या अवधपुरी की गलियन में ।
गंगा यमुना सरयू तट पर,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ॥
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।

घर बार को छोड संयासी हुए,
सबको परित्‍याग उदासी हुए ।
छानेगें वन-वन खा‍क तेरी,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ॥
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।

सब भक्‍त तुम्हीं को घेरेंगे,
तेरे नाम की माला फरेंगे ।
जब आप ही खुद सरमाओगे,
हमें दर्शन दोगे कहीं ना कहीं ॥
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मन मोहन मूरत तेरी प्रभु ।

जयपुर से लाई मैं तो चुनरी: भजन (Jaipur Se Layi Main Chunri)

दे दो अंगूठी मेरे प्राणों से प्यारी: भजन (De Do Anguthi Mere Prano Se Pyari)

छठ पूजा: पटना के घाट पर - छठ गीत (Patna Ke Ghat Par Chhath)

मन मोहन मूरत तेरी प्रभु,
मिल जाओगे आप कहीं ना कहीं ।
यदि चाह हमारे दिल में है,
तूम्‍हे ढूँढ ही लेंगे कहीं ना कहीं ॥

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment