मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मैं तो पहनुँगी जोगन का चोला,
वो है पारस महादेव भोला,
चरण छु कर मैं कुंदन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मैं तो शिव की पुजारन बनूँगी,
नही मिलते है अनुरागियों को,
शिव तो मिलते है बैरागियो को,
मैं भी उनकी बैरगान बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
करके जी जान से उसकी भक्ति,
शिव से माँगूंगी नारी की मुक्ति,
नारी जाती का दर्पण बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी,
ॐ | ओ३म् | ओम | ओमकार (Om Aum)
सबदवाणी तथा समराथल .......(:- समराथल कथा भाग 13 -:)
माता पार्वती - आरती (Mata Parvati Ki Aarti)
मै तो शिव की पुजारन बनूँगी,
अपने भोले की जोगन बनूँगी
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