महल को देख डरे सुदामा
का रे भई मोरी राम मड़ईया
कहाँ के भूप उतरे
इत उत भटकत,चहुँ ओर खोजत
मन में सोच करे
का रे भई मोरी राम मड़ईया
प्रभु से विनय करे
कनक अटारी चढ़ी बोली सुंदरी
काहे भटक रह्यो
सकल सम्पदा है गृह भीतर
दीनानाथ भरे
प्रथम द्वार गजराज विराजे
दूजे अश्व खड़े
तीजे द्वार विश्वकर्मा बैठे
हीरा-रतन जड़े
दीनानाथ तिन्हन के अंदर
जा पर कृपा करे
सूरदास प्रभु आस चरण की
दुःख दरिद्र हरे
भजन - बोलो राम! मन में राम बसा ले (Bolo Ram Man Me Ram Basa Le Bhajan)
श्री गंगा स्तोत्रम् (Maa Ganga Stortam)
भैया दूज पौराणिक कथा (Bhaiya Dooj Pauranik Katha)
भक्ति-भारत सभी भक्तों के लिए भगवान कृष्ण द्वारा अपने सखा सुदामा पर कृपा को दर्शाते हुए प्रसिद्ध भजन को प्रस्तुत कर रहा है। आइये अपनी दैनिक दिनचर्या में भजनों को सम्मलित करें।
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