लाली लाली लाल चुनरियाँ: भजन (Laali Laali Laal Chunariya)

jambh bhakti logo

लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए ॥

माई मेरी सूचियाँ जोतावाली माता
तेरी सदा ही जय,
माई मेरी उँचियाँ पहाड़ावाली माता,
तेरी सदा ही जय ॥

लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए,
ये लाल चुनरियाँ नारी के,
तीनो ही रूप सजाए,
लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए ॥

पावन होती है नारी की,
बाल अवस्था,
इसीलिए कन्या की हम,
करते है पूजा,
ये पूजा फल देती है,
सुखो के पल देती है,
हो सर पे देके लाल चुनर,
कंजक को पूजा जाए,
लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए,
ये लाल चुनरियाँ नारी के,
तीनो ही रूप सजाए,
लाली लाली लाल चुनरिया,
कैसे ना माँ को भाए ॥

दूजे रूप में आके नारी,
बने सुहागन,
प्यार ही प्यार बना दे ये,
अपना घर आँगन,
मिले जो प्यार में भक्ति,
तो मन पा शक्ति,
हो लाल चुनरिया ओढ़ सुहागन,
रूपमति कहलाए,
लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए,
ये लाल चुनरियाँ नारी के,
तीनो ही रूप सजाए,
लाली लाली लाल चुनरिया,
कैसे ना माँ को भाए ॥

गणेश जी के नाम से भक्तो का, कल्याण होता है: भजन (Ganesh Ji Ke Naam Se Bhakto Ka Kalyan Hota Hai)

दीप प्रज्वलन मंत्र: शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् (Deep Prajwalan Mantra: Shubham Karoti Kalyanam Aarogyam)

शिव भजन (Shiv Bhajan)

तीजा रूप है माँ का जो,
ममता ही बांटे,
पलकों से चुन ले सबकी,
राहो के कांटे,
ये आँचल की छाया दे,
तो जीवन को महका दे,
हाँ लाल चुनरिया ओढ़ के माँ,
फूली नहीं समाए,
लाली लाली लाल चुनरियाँ,
कैसे ना माँ को भाए,
ये लाल चुनरियाँ नारी के,
तीनो ही रूप सजाए,
लाली लाली लाल चुनरिया,
कैसे ना माँ को भाए ॥

दुर्गा चालीसा | आरती: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी | आरती: अम्बे तू है जगदम्बे काली | महिषासुरमर्दिनि स्तोत्रम् | माता के भजन

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment