शिव नाम से है,
जगत में उजाला ।
हरी भक्तो के है,
मन में शिवाला ॥
हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू ।
श्रद्धा सुमन मेरा,
मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ ॥
जग का स्वामी है तू,
अंतरयामी है तू,
मेरे जीवन की,
अनमिट कहानी है तू ।
तेरी शक्ति अपार,
तेरा पावन है द्वार,
तेरी पूजा ही,
मेरा जीवन आधार ।
धुल तेरे चरणों की ले कर,
जीवन को साकार किया ॥
॥ हे शम्भू बाबा…॥
मन में है कामना,
कुछ मैं और जानू ना,
ज़िन्दगी भर करू,
तेरी आराधना।
सुख की पहचान दे,
तू मुझे ज्ञान दे,
प्रेम सब से करूँ,
ऐसा वरदान दे ।
तुने दिया बल निर्बल को,
अज्ञानी को ज्ञान दिया ॥
॥ हे शम्भू बाबा…॥
अन्नपूर्णा चालीसा (Annapurna Chalisa)
गुरु आसन समराथल भाग 2 ( Samarathal Katha )
ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम् (Rin Mochan Mangal Stotram)
हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन मेरा,
मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ॥








