हे गौरा के लाल मेरी सुनिए,
तेरा भक्त खड़ा तेरे द्वार है,
कई जन्मों से बप्पा मैं भटका,
तेरे चरणों में अब मेरा संसार है,
हे गौरा के लाल मेरी सुनिये ॥
इस जग में मैं आके हूँ भटका,
चैन कही ना पाया है,
जबसे आया मैं तेरे दर पे,
दिल को सुकून अब आया है,
मोह माया ये दुनिया है सारी,
और माटी ये धन अम्बार है,
कई जन्मों से बप्पा मैं भटका,
तेरे चरणों में अब मेरा संसार है,
हे गौरा के लाल मेरी सुनिये ॥
सुख के है सब संगी साथी,
दुःख में काम ना आएँगे,
झूठे रिश्ते नाते है सारे,
ये क्या साथ निभाएँगे,
तेरा नाम है सबसे पावन,
तेरा नाम ही जग आधार है,
कई जन्मों से बप्पा मैं भटका,
तेरे चरणों में अब मेरा संसार है,
हे गौरा के लाल मेरी सुनिये ॥
माँ गौरा के लाल तू सुनले,
मैं फरियादी आया हूँ,
तेरी श्रध्दा तेरी भक्ति,
करने को मंदिर आया हूँ,
जो भी गौरा के लाल को ध्याये,
वो ही जाता तो भव से पार है,
कई जन्मों से बप्पा मैं भटका,
तेरे चरणों में अब मेरा संसार है,
हे गौरा के लाल मेरी सुनिये ॥
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श्री गुरु जम्भेश्वर भगवान का प्रथम शब्द उच्चारण
हे गौरा के लाल मेरी सुनिए,
तेरा भक्त खड़ा तेरे द्वार है,
कई जन्मों से बप्पा मैं भटका,
तेरे चरणों में अब मेरा संसार है,
हे गौरा के लाल मेरी सुनिये ॥