सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति,
विघ्नहरण सुखपाल जी,
हे गजानन पधारो गौरी लाल जी,
हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥
महिमा है अतिभारी चार भुजा धारी,
एकदंत दयावंत न्यारी मूषक सवारी,
गल मोतियन की माला साजे,
चन्दन चौकी देव विराजे,
केसर तिलक सोहे भाल जी,
हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥
शम्भू दियो वरदान देवो में देवा महान,
पहले तुम्हरो ही ध्यान तुम्हरो ही गुणगान,
पान पुष्प से तुमको रुझावे,
मनवांछित फल सो जन पावे,
ले लड्डूवन की थाल जी,
हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥
सभी विघ्न हरो जी दूर संकट करो जी,
झोली सुख से भरो जी हाथ सिर पे धरो जी,
दास ‘सरल’ को आसरा तेरा,
कंठ में हो सरस्वती बसेरा,
दीजो स्वर और ताल जी,
हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥
संसार के लोगों से आशा ना किया करना - भजन (Sansar Ke Logon Se Asha Na Kiya Karna)
रूपा मांझू को जल छानने का आदेश भाग 1
तुम्हारी याद आती है, बताओ क्या करें मोहन - भजन (Tumhari Yaad Aati Hai Batao Kya Karen Mohan)
सिद्धिविनायक मंगलमूर्ति,
विघ्नहरण सुखपाल जी,
हे गजानन पधारो गौरी लाल जी,
हे गजानन पधारों गौरी लाल जी ॥