हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी: होली भजन (Hari Sir Dhare Mukut Khele Hori)

jambh bhakti logo

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया
कहाँ से आई राधा गोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कहाँ से आयो कुँवर कन्हैया
मथुरा से आयो कुँवर कन्हैया
गोकुल से राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
कितने बरस को कुँवर कन्हैया
कितने बरस की राधा गोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
सात बरस को कुँवर कन्हैया
बारह बरस राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
काहे के दो खम्भ बने है
काहे की लागी डोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
अगर चन्दन को खम्भ बनो है
रेशम की लागी डोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
एक पर झूले कुँवर कन्हैया
दूजे पर राधा गोरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
टूट गयो खम्भ लटक गई डोरी
रपट पड़ी राधा गोरी

दुर्गा है मेरी माँ, अम्बे है मेरी माँ: भजन (Durga Hai Meri Maa Ambe Hai Meri Maa)

मैं दो-दो माँ का बेटा हूँ: भजन (Main Do-Do Maa Ka Beta Hun)

संकट जब हम पर आए: भजन (Sankat Jab Hum Par Aaye)

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी
जुड़ गयो खम्भ जुड़ाय गयी डोरी
हँसत चली राधा गोरी

हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी,
हरी सिर धरे मुकुट खेले होरी,

Picture of Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment