गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥
सारे देवो में पहले तुझको मनाये,
तू ही दयालु सारे विघ्न हटाये,
गिरजा के प्यारे बाबा शिव के दुलारे,
दुखड़ो से आके देवा हमको उबारो,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥
गोरी सुत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥
रिद्धि सिद्धि के दाता आप कहाए,
कृपा दिखाओ दाता गुण तेरे गए,
भक्तो की नैया अब है तेरे सहारे,
अटकी कश्ती को आके पार उतारो,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥
गोरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥
कार्तिक मास माहात्म्य कथा: अध्याय 4 (Kartik Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 4)
★ आधुनिककालीन समराथल धोरा ★ Aaj Ka Samarathal Dhora
मलिया गिरी चंदन का टिका लगाऊं,
लड़वन का देवा तेरे भोग लगाऊं,
‘हर्ष’ दीवाना तेरी बाट निहारे,
मेरे भी अटके सारे काज सुधारो,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥
गौरी सूत गणराज पधारो,
आके सारे काज सवारों,
तुझको आना होगा,
तुझको आना होगा ॥