चौकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
दोहा – प्रथमे गुरु वंदन करूँ,
द्वितीये आद गणेश,
त्रितये सुमिरूँ शारदा,
कंठ करो प्रवेश ॥
चौकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है,
प्यारा तेरा भवन सजा,
तेरी ज्योत माँ जगाई है,
चौंकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
चुन्नी गोटेदार दातिए,
तुझे भेंट चढ़ाई है,
बूटी बूटी मैंने अपने,
हाथों से सजाई है,
ओढ़ के तू चुन्नी दातिए,
ओढ़ के तू चुन्नी दातिए,
होले होले मुस्काई है,
चौंकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
फूलों जैसे हाथों में,
मेहंदी रचाई है,
मीना बाजार से ओ माँ,
चूड़ी मंगाई है,
फूलों से माँ चंदन की,
फूलों से माँ चंदन की,
देख चौकी महकाई है,
चौंकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
मैया तेरा शुकराना,
शान मेरी बढ़ाई है,
शेर पे सवार हो के,
मेरे अंगना में आई है,
हनुमान भैरव को भी,
हनुमान भैरव को भी,
संग अपने माँ लाई है,
चौंकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
चालीसा: भगवान श्री शीतलनाथ जी (Bhagwan Shri Sheetalnath Ji)
Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha (Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
सारा परिवार मैया जी,
हमें देता बधाई है,
तेरी मेहरबानी ने,
घड़ी ये दिखाई है,
आज की शाम हमने,
आज की शाम हमने,
संग तेरे बिताई है,
चौंकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
चौकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है,
प्यारा तेरा भवन सजा,
तेरी ज्योत माँ जगाई है,
चौंकी तेरी माता रानिये,
तेरे बच्चो ने कराई है ॥
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