बिनती सुनिए नाथ हमारी – भजन (Bhajan: Binati Suniye Nath Hamari)

jambh bhakti logo

गोपाल गोकुल वल्लभी,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभम,
चरणारविन्द महम भजे,
भजनीय सुर मुनि दुर्लभम् ।
चरणारविन्द महम भजे,
भजनीय सुर मुनि दुर्लभम् ॥

बिनती सुनिए नाथ हमारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी ॥

जनम जनम की लगी लगन है,
साक्षी तारो भरा गगन है,
गिन गिन स्वाश आस कहती है,
आएँगे श्री कृष्ण मुरारी,
॥ बिनती सुनिए नाथ हमारी…॥

सतत प्रतीक्षा अपलक लोचन,
हे भव बाधा बिपति बिमोचन,
स्वागत का अधिकार दीजिए,
शरणागत है नयन पुजारी,
॥ बिनती सुनिए नाथ हमारी…॥

और कहूं क्या अंतर्यामी,
तन मन धन प्राणो के स्वामी,
करुणाकर आकर के कहिए,
स्वीकारी विनती स्वीकारी,
॥ बिनती सुनिए नाथ हमारी…॥

दर पे तुम्हारे सांवरे: भजन (Dar Pe Tumhare Saware)

ब्रजराज ब्रजबिहारी! इतनी विनय हमारी - भजन (Brajaraj Brajbihari Itni Vinay Hamari)

पुरुषोत्तम मास माहात्म्य कथा: अध्याय 28 (Purushottam Mas Mahatmya Katha: Adhyaya 28)

बिनती सुनिए नाथ हमारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
हृदयष्वर हरी हृदय बिहारी,
मोर मुकुट पीतांबर धारी,
बिनती सुनिए नाथ हमारी ॥

Sandeep Bishnoi

Sandeep Bishnoi

Leave a Comment